सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

संदेश

मार्च, 2023 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

।।113।।बोधकथा। (श्रीराम नवमी पर) ...........!! *श्रीराम: शरण मम*।। ........... ।।श्रीरामकिंकर वचनामृत।।

 °°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°     *देहाभिमान रूपी शरीर ही समुद्र है।*      *जब शरीर का समुद्र पार करें, तब*          *तो भगवान्‌ की शरण में जायँँ,*       *नहीं तो यह शरीर ही ऐसा केन्द्र है,*    *जो भगवान्‌ के पास जाने से रोकता है।*    °" "" "" "" "" "" "" "" "" "" "" "" "" "" "" "" "° कृपया मेरे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब अवश्य करें। https://youtube.com/@janpathdarshannews      अपने आपको केवल शरीर मान करके शरीर के धर्म का ही पालन करना, यह तो अपूर्णता है। विभीषणजी के सामने यह समस्या है । इसका बड़ा व्यंग्यात्मक संकेत उस समय आता है, जब भगवान्‌ समुद्र के इस पार अपनी बानर सेना के साथ विराजमान हैं, रावण के द्वारा चरण प्रहार से अपमानित होकर वे भगवान्‌ की शरण में तो आ गये, पर अभी भी पूर्व संस्कारों से मुक्त न हो पाने के कारण उन्होंने संयोगवश अपना परिचय दशानन के भाई के रुप में दिया , विभीषण जी के इसी भूल को यदि सुग्रीव चाहते

।।112।। बोध कथा। 🌺💐 क्रोध पर करुणा की विजय 💐🌺

जुए में हारने पर शर्त के अनुसार पांडवों ने  12 वर्ष का वनवास तथा 1 वर्ष का अज्ञातवास पूरा किया। किंतु कौरवों ने उनका राज वापस करना तो दूर 5 गांव देना भी स्वीकार नहीं किया।  कृपया मेरे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब अवश्य करें। https://youtube.com/@janpathdarshannews युद्ध ना हो इसलिए भगवान श्री कृष्ण शांति हेतु संधि प्रस्ताव लेकर हस्तिनापुर जाना चाहते थे, पर द्रोपदी ने विरोध किया -'केशव!मेरे यह केस दु:शासन के रक्त से सिंचित होने पर ही बधेंगे। यदि मेरे पति सक्षम नहीं है, तो मेरे अपमान का प्रतिशोध अभिमन्यु सहित मेरे 5 महाबली पुत्र लेंगे। संधि तथा धर्म की बातें अब सहन नहीं होती कहते-कहते द्रोपदी फूट-फूट कर रोने लगी।"  श्री कृष्ण ने गंभीर स्वर में कहा- कृष्णे वही होगा जो तुम चाहती हो, मेरी बात मिथ्या नहीं होगी।  कृष्ण शांति दूत बनकर हस्तिनापुर पहुंचे परंतु संधि वार्ता निष्फल रही। युद्ध अनिवार्य हो गया। और महाभारत युद्ध हुआ।  युद्ध के अंतिम 18 वे दिन, भीमसेन ने गदा प्रहार से दुर्योधन की जंघा तोड़ दी। इस पर भी भीमसेन का क्रोध शांत नहीं हुआ और वे उसे कपटी कहकर बार-बार उसका सिर अपने पैर स

।।111।। बोधकथा। 🌺💐🏵 *खाली पीपे* 🏵💐🌺

एक बहुत बड़ा सौदागर नौका लेकर दूर-दूर के देशों में लाखों-करोड़ों रुपए कमाने के लिए जाता रहता था।               एक दिन उसके मित्रों ने उससे कहा- तुम नौका में घूमते रहते हो। तुम्हारी नौका पुराने ज़माने की है, तूफान आते हैं, खतरे होते हैं और नौकाएँ डूब जाती हैं, तुम तैरना तो सीख लो।                सौदागर ने कहा- तैरना सीखने के लिए मेरे पास समय कहाँ है?          मित्रों ने कहा- ज्यादा समय की जरूरत नहीं है। गाँव में एक कुशल तैराक है, जो कहता है कि तीन दिनों में ही वो तैरना सिखा देगा।              सौदागर ने कहा- वो जो कहता है ठीक ही कहता होगा, लेकिन मेरे पास तीन दिन कहां हैं? तीन दिनों में तो मैं लाखों का कारोबार कर लेता हूँ। तीन दिनों में तो लाखों रूपए यहाँ से वहाँ हो जाते हैं। कभी फुर्सत मिलेगी, तो जरूर सीख लूंगा।                फिर भी उसके मित्रों ने कहा- खतरा बहुत बड़ा है। तुम्हारा जीवन निरंतर नौका पर है, किसी भी दिन खतरा हो सकता है और तुम तो तैरना भी नहीं जानते हो।          सौदागर ने कहा- कोई और सस्ती तरकीब हो तो बताओ, इतना समय तो मेरे पास नहीं है।               तो उसके मित्रों ने कहा- क

*जनपथ दर्शन : बागेश्वर बाबा फिर आए चर्चाओं में, जाने वजह?*

 *जनपथ दर्शन : बागेश्वर बाबा फिर आए चर्चाओं में, जाने वजह?* *https://youtu.be/1T-KoOtiG9k* *वीडियो हुआ वायरल* *मनेन्दु पहारिया चैनल हेड की रिपोर्ट* *चैनल को लाइक, सब्सक्राइब कर न्यूज पर कमेंट्स अवश्य करें*
 *जनपथ दर्शन : Live: A to Z किशोर सागर में टूटती दुकानें* *ग्राउंड जीरो से रिपोर्ट* * https://youtube.com/live/lR_cFTmIBcc?feature=share * *मनेन्दु पहारिया चैनल हेड, अनूप तिवारी, हरिओम अग्रवाल, विनोद यादव, केशव शर्मा की ग्राउंड रिपोर्ट* *चैनल को लाइक, सब्सक्राइब कर न्यूज पर कमेंट्स अवश्य करें*