किसान मृगेन्द्र राजपूत का मामला भोपाल पहुंचा

 किसान मृगेन्द्र राजपूत का मामला भोपाल पहुंचा


छतरपुर।01-01-2021/ बिजली विभाग की प्रताडऩा से तंग आकर मातगुवां निवासी मृगेन्द्र राजपूत ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। मरने से पहले मृगेन्द्र ने जो सुसाइट नोट लिखा है उससे शिवराज सरकार की किसानों के प्रति क्या संवेदनशीलता है उसकी पोल खुल गई है। किसान मृगेन्द्र ने सुसाइट नोट में उल्लेख किया कि उसके मृत शरीर के अंग अंग बेचकर बिजली विभाग का पैसा चुका दिया जाए। गौरतलब हो कि कोरोना काल के दौरान से किसान परेशान हैं और किसी प्रकार से अपनी गुजर बसर कर रहे हैं। वहीं बिजली विभाग के भारी भरकम बिलों की शिकायतें लगातार मिल रही थीं उसके बावजूद भी बिजली विभाग के अफसर तानाशाही रवैया अपनाकर वसूली अभियान जारी किए हुए थे। ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों के पंप जब्त करना, दो पहिया वाहन जब्त करना और गांव में भारी पुलिस ले जाकर बेइज्जती करना यह किसान को नगवारा हुआ और उसने फांसी लगा ली। प्रदेश के ऊर्जा मंत्री ने इसके लिए खेद व्यक्त किया है और पूरे मामले की जांच करने के आदेश दे दिए हैं हालांकि जिला प्रशासन का कोई भी आला अधिकारी किसान के घर नहीं पहुंचा। कलेक्टर ने जरूर 25 हजार रुपए की सहायता राशि देने का आश्वासन परिवार वालों को दिया है। इस मामले पर कांग्रेस ने शिवराज सरकार को घेरा है और कहा है कि शिवराज की करनी और कथनी में बहुत अंतर है। किसानों के साथ लगातार छलावा किया जा रहा है। हालांकि छतरपुर के कांग्रेस के तीन विधायकों ने इस मामले में कोई प्रदर्शन का बयान जारी नहीं किया है।

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