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नए साल में कोरोना से आईएएस की मौत:एक महीने से अस्पताल में भर्ती थे मसूद अख्तर; पहले पॉजिटिव, फिर 3 दिन पहले निगेटिव हो गए थे

 छतरपुर। 01/01/2021|आईएएस मसूद अख्तर एक महीने से बीमार थे, उनका इलाज नेशनल अस्पताल में चल रहा था। ये तस्वीर उनके दोस्त आईएएस अफसर राजीव शर्मा ने सोशल मीडिया पर शेयर की है।छतरपुर में रिकॉर्ड 4 साल तक कलेक्टर रहे थे मसूद अख्तर, 2011 में आईएएस अवार्ड हुआ था मध्य प्रदेश गृह विभाग में सचिव आईएएस अफसर मसूद अख्तर की कोरोना संक्रमण के चलते शुक्रवार को मौत हो गई। उन्हें सुबह 8 बजे हार्ट अटैक आया, जिसके बाद उन्हें वेंटिलेटर पर ले जाने लगे, लेकिन वहां पहुंचने से पहले दम तोड़ दिया। 


वह भोपाल के नेशनल अस्पताल में एक महीने से भर्ती थे। भर्ती होने के कुछ दिनों बाद ही रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई थी, उन्हें लंग्स इंफेक्शन भी हुआ था। तीन दिन पहले उन्हें कोरोना रिपोर्ट निगेटिव हो गई थी, लेकिन उसके असर से वह बच नहीं सके। उनके साथी रिटायर्ड आईएएस अधिकारी रमेश भंडारी ने बताया कि वह छतरपुर और सीधी के कलेक्टर रहे हैं। उनके नाम छतरपुर में लंबे समय (4 साल अधिक) तक कलेक्टर रहने का रिकॉर्ड है। उन्होंने इंदौर की अहिल्याबाई यूनिवर्सिटी से एलएलएम की पढ़ाई की थी। वह 1986 राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी थे। उनकी पत्नी अंजू दुबे अख्तर और एक 8 वर्षीय बेटा है।मसूद अख्तर मध्य प्रदेश के पहले आईएएस अफसर हैं, जिनकी कोरोना से मौत हुई है। इससे पहले कोरोना से डॉक्टर्स, पुलिसकर्मी और हेल्थ वर्कर्स की मौतें हुई हैं। इधर, मध्य प्रदेश में लगातार कोरोना के नए मामले सामने आ रहे हैं। बताया जा रहा है कि शुक्रवार सुबह उन्हें हार्टअटैक आया था। गुरुवार को मध्य प्रदेश में कोरोना के 844 नए मामले सामने आए थे। वहीं, भोपाल में 158 नए मामले मिले थे, जबकि 2 की मौत हो गई थी।

सोशल मीडिया पर दोस्त ने याद किया


उनके दोस्त आईएएस अफसर राजीव शर्मा ने अख्तर को श्रद्धांजलि देते हुए सोशल मीडिया पर लिखा- डॉ. मसूद अख्तर अब नहीं रहे। अभी थोड़ी देर पहले उन्होंने भोपाल के नेशनल अस्पताल अंतिम सांस ली। वे मेरे अग्रज, सच्चे मित्र और सहृदय मनुष्य थे। सफल अधिकारी तो थे ही. उनका जाना मुझे अकेला कर गया।

छतरपुर जिले से उनका विशेष स्नेह था


छतरपुर जिले के पूर्व कलेक्टर मसूद अख्तर का छतरपुर जिले के लोगों से विशेष स्नेह था। वह छतरपुर जिले के एक मात्र ऐसे कलेक्टर थे जिन्होंने तीन साल से ज्यादा का कार्यकाल पूर्ण किया था। इस अवधि में उन्होंने जिले के सभी नेताओं एवं आम जन में अपनी छाप छोड़ी थी।

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