।।097।। बोधकथा। 🌺💐 क्या थे हम!क्या हो गए हैं!और क्या होंगे अभी? 💐🌺


चश्मा साफ़ करते हुए उस बुज़ुर्ग ने अपनी पत्नी से कहा : हमारे ज़माने में_मोबाइल नहीं थे...

पत्नी: पर ठीक 5 बजकर 55 मिनट पर_मैं पानी का ग्लास लेकर_ दरवाज़े पे आती और_आप आ पहुँचते..._

पति : मैंने तीस साल नौकरी की_पर आज तक मैं ये नहीं समझ पाया कि_मैं आता इसलिए तुम पानी लाती थी_या तुम पानी लेकर आती थी_ इसलिये मैं आता था...

पत्नी: हाँ...और याद है...तुम्हारे रिटायर होने से पहले_जब तुम्हें डायबीटीज़ नहीं थी_और मैं तुम्हारी मनपसन्द खीर बनाती_ तब तुम कहते कि_आज दोपहर में ही ख़्याल आया_कि खीर खाने को मिल जाए तो मज़ा आ जाए...

पति: हाँ... सच में...ऑफ़िस से निकलते वक़्त जो भी सोचता,घर पर आकर देखता_कि तुमने वही बनाया है..._

पत्नी : और तुम्हें याद है__जब पहली डिलीवरी के वक़्त_मैं मैके गई थी और_जब दर्द शुरु हुआ_मुझे लगा काश...तुम मेरे पास होते...और घंटे भर में तो...जैसे कोई ख़्वाब हो...तुम मेरे पास थे...

पति : हाँ... उस दिन यूँ ही ख़्याल आया_कि ज़रा देख लूँ तुम्हें...

पत्नी : और जब तुम_मेरी आँखों में आँखें डाल कर_कविता की दो लाइनें बोलते..._

पति*_ : हाँ और तुम_शरमा के पलकें झुका देती_और मैं उसे_कविता की 'लाइक' समझता...

पत्नी : और हाँ जब दोपहर को चाय_बनाते वक़्त_मैं थोड़ा जल गई थी और_ उसी शाम तुम बर्नोल की ट्यूब_अपनी ज़ेब से निकाल कर बोले_इसे अलमारी में रख दो...

पति : हाँ... पिछले दिन ही मैंने देखा था_कि ट्यूब ख़त्म हो गई है...पता नहीं कब ज़रूरत पड़ जाए..यही सोच कर मैं ट्यूब ले आया था...

पत्नी : तुम कहते ...आज ऑफ़िस के बाद_तुम वहीं आ जाना_ सिनेमा देखेंगे और_खाना भी बाहर खा लेंगे...

पति : और जब तुम आती तो_जो मैंने सोच रखा हो_ तुम वही साड़ी पहन कर आती..._

फिर नज़दीक जा कर_ उसका हाथ थाम कर कहा : हाँ, हमारे ज़माने में_मोबाइल नहीं थे...

...पर...

हम दोनों थे!!!

पत्नी : आज बेटा और उसकी बहू_साथ तो होते हैं पर...बातें नहीं व्हाट्सएप होता है...

लगाव नहीं टैग होता है...

केमिस्ट्री नहीं कमेन्ट होता है...

लव नहीं लाइक होता है...

मीठी नोकझोंक नहीं_अनफ़्रेन्ड होता है..._

उन्हें बच्चे नहीं कैन्डीक्रश, सागा, टैम्पल रन और सबवे सर्फ़र्स चाहिए..._

पति : छोड़ो ये सब बातें...

हम अब Vibrate Mode पर हैं...

हमारी Battery भी 1 लाइन पे है...

अरे!!! कहाँ चली?

पत्नी : चाय बनाने...

पति : अरे... मैं कहने ही वाला था_कि चाय बना दो ना...

पत्नी : 

पता है...मैं अभी भी कवरेज क्षेत्र में हूँ_और मैसेज भी आते हैं...

दोनों हँस पड़े...

पति : हाँ, हमारे ज़माने में_मोबाइल नहीं थे...

😊🙏😊🙏😊🙏

वाक़ई बहुत कुछ छूट गया और बहुत कुछ छूट जायेगा,,, ,,शायद हम अंतिम पीढ़ी है जिसे प्रेम, स्नेह, अपनेपन ,सदाचार और सम्मान का प्रसाद वर्तमान पीढ़ी को बांटना पड़ेगा...

।। मनेन्दु पहारिया।।

  08/12/2022

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