बुंदेलखंड के छतरपुर जिले में कर्ज से परेशान एक अन्नदाता किसान ने फिर लगाया मौत को गले

 बिजली विभाग का बिल न चुका पाने के कारण बिजली विभाग ने बाइक और चक्की को जप्त कर कुर्की का थमाया था किसान को नोटिस 

अन्नदाता किसानों हितो की बड़ी बड़ी बातें करने वाली सरकार और जिला प्रशासन की खुली पोल

अन्नदाता किसान ने सुसाइड नोट में लिखा मरने के बाद उसके शरीर को शासन को कर दे सुपुर्द जिससे शासन उसका शरीर का एक-एक अंग बेच कर चुका ले अपना कर्जा 


 छतरपुर | 31-12-2020| वाह रे सरकार, वाह रे जिला प्रशासन, प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान चीख चीख कर यब कहते हैं कि भाजपा सरकार किसान हितेषी सरकार है, अन्नदाता किसानों के कर्ज माफ होंगे, कोईभी किसान भूखा नहीं सोएगा, लेकिन बुंदेलखंड के छतरपुर जिले में अन्नदाता किसान कर्ज के तले दबकर आत्महत्या करने को मजबूर हैं, भाजपा सरकार भले ही किसानों के हितों के लाख दावे कर रही हो लेकिन अन्नदाता किसानों का हाल इतना बुरा है कि वह आत्महत्या करने को मजबूर है, भाजपा सरकार और जिला प्रशासन के दावों की उस समय पोल खुल गई जब मातगंवा निवासी एक अन्नदाता किसान मुनेंद्र राजपूत ने बिजली विभाग के कर्मचारियों की प्रताड़िना और कुर्की के आदेश से तंग आकर आत्महत्या कर ली, विगत दिनों छतरपुर जिले में ही एक युवक ने कर्जदारों चलते आत्महत्या कर ली थी, मृतक किसान के भाई का कहना है कि फसल में नुकसान लगने के कारण वह 88 हजार रुपये बिल के नहीं दे पा रहा था जिस कारण बिजली विभाग द्वारा लगातार परेशान किया जा रहा था इतना ही नहीं यही बिजली विभाग द्वारा बाइक व चक्की को भी जप्त कर लिया गया भाई मुनेंद्र ने मोहलत मांगी लेकिन बिजली विभाग द्वारा कुर्की का नोटिस दे दिया गया, जिस से प्रताड़ित होकर  भाई फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली, मृतक मुनेंद्र राजपूत ने एक सुसाइड नोट भी मौत से पहले लिखा था जिसमें लिखा है कि उसके मृत शरीर को शासन के सुपुर्द कर दें जिससे शासन उसका एक-एक अंग बेचकर अपना कर्ज वसूल ले, एक तरफ भाजपा सरकार किसान हितेषी की वाले करने में लगी है तो वहीं दूसरी तरफ अन्नदाता किसान कर्ज के तले दबकर आत्महत्या करने को मजबूर है कोरोना कॉल के चलते अन्नदाता किसान परेशान है तो वही प्रशासनिक अधिकारियों बिजली बिलों के लिए किसानों को कुर्की के नोटिस थमा कर किसानों का सामान जप्त किया जा रहा है.

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