कृषि कानूनों के विरोध में पंजाब समेत कई राज्यों के किसान करीब एक माह से दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले हैं। सरकार से सातवें दौर की बातचीत प्रस्तावित है। बातचीत के नतीजे पर ही आंदोलन का भविष्य टिका है। छह दौर की बैठक बेनतीजा होने के बावजूद राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में किसान शांतिपूर्ण आंदोलनरत हैं। बता दें कि बुजुर्ग किसानों ने आंदोनल को शांतिपूर्ण बनाए रखने की अपील की थी। इसी का असर है कि इतना बड़ा किसान आंदोलन ‘गांधीगीरी’ पर चल रहा है। लेकिन दूसरी तरफ पंजाब में विरोध का तरीका बदल रहा है। कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों का गुस्सा पंजाब में जियो के मोबाइल टावरों पर उतरने लगा है। पंजाब के लगभग हर जिले में जियो के मोबाइल टावरों को निशाना बनाया जा रहा है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह लोगों से मोबाइल सेवा को नुकसान न पहुंचाने की अपील कर चुके हैं। लेकिन उनकी यह अपील भी बेअसर रही। अब मुख्यमंत्री ने पुलिस को मोबाइल टावरों को क्षतिग्रस्त करने वालों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए हैं। पंजाब में जियो के 9000 मोबाइल टावर हैं। एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि बीते कुछ दिनों में प्रदेश में 1561 मोबाइल टावरों की सेवाएं प्रभावित हुई हैं। पंजाब के 22 जिलों में कुल 21306 मोबाइल टावर हैं। सूत्रों के अनुसार, अब तक 433 मोबाइल टावरों की मरम्मत भी कर दी गई है लेकिन प्रदर्शनकारी टावरों की देख-रेख करने वाले कर्मचारियों को मरम्मत करने पर धमका रहे हैं। दूरसंचार टावरों को निशाना बनाने के पीछे तर्क दिया जा रहा है कि नए कृषि कानूनों से मुकेश अंबानी जैसे उद्योगपतियों को लाभ होगा। किसानों का कहना है कि भविष्य में उन्हें अपनी जमीन
पंजाब में बदला विरोध का तरीका, हजारों टावर क्षतिग्रस्त, कई जगह इंटरनेट ठप, अब बड़ी कार्रवाई की तैयारी
Manendu Pahariya
0