।।102।। बोधकथा। 🌺🏵💐 *ब्रेक* 🌺🏵💐


एक बार भौतिक विज्ञान की कक्षा में शिक्षक ने विद्यार्थियों से पूछा:- कार में ब्रेक क्यों लगाते हैं...?


                एक छात्र ने उठकर उत्तर दिया:- सर, कार को रोकने के लिए।

                   एक अन्य छात्र ने उत्तर दिया:-कार की गति को कम करने और नियंत्रित करने के लिए।

          एक अन्य ने कहा:- टक्कर से बचने के लिए।

           जल्द ही,जवाब दोहराए जाने लगे, इसलिए शिक्षक ने स्वयं प्रश्न का उत्तर देने का निर्णय लिया... 

          चेहरे पर एक मुस्कान के साथ उन्होंने कहा :- मैं आप सभी की सराहना करता हूं, कि आप इस सवाल का जवाब देने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि मेरा मानना ​​​​है कि यह सब व्यक्तिगत धारणा का विषय है। पर मैं इसे इस तरह से देखता हूं:- *कार में ब्रेक, हमें इसे और तेज चलाने में सक्षम बनाते हैं.....*

       

 कक्षा में गहरा सन्नाटा छा गया! इस जवाब की किसी ने कल्पना नहीं की थी।

              शिक्षक ने बात जारी रखते हुए कहा :- एक पल के लिए,मान लेते हैं कि हमारी कार में कोई ब्रेक नहीं है। अब हम अपनी कार को कितनी तेज चलाने के लिए तैयार होंगे ?

       आगे उन्होंने कहा:- ये ब्रेक ही हैं जिनके कारण हम कार को तेजी से चलाने की हिम्मत करते हैं और अपने गंतव्य तक पहुंच सकते हैं.... 

        कक्षा के सभी छात्र सोच में पड़ गए। उन्होंने पहले कभी इस तरह से "ब्रेक" के बारे में नहीं सोचा था।


*आइए विचार करें!*

              जीवन में हमारे सामने कई ऐसे ब्रेक आते हैं जो हमें निराश करते हैं। हमारे माता-पिता, शिक्षक,शुभचिंतक और हमारे मित्र हमारी प्रगति की दिशा या जीवन में निर्णय के बारे में हमसे पूछते हैं... या सुमार्ग पर चलने के लिए कुछ सुझाव देते हैं, सलाह देते हैं, तो हम उन्हें अपने दुश्मन, या ब्रेक मान लेते हैं।

        हम उनके प्रश्नों तथा जीवन की कठिन स्थितियों को "ब्रेक" के रूप में देखते हैं जो हमारी गति को बाधित करते हैं..., 

           

         लेकिन कैसा हो.....अगर हम उन्हें अपने समर्थक या उत्प्रेरक के रूप में देखें।

             ऐसे उपकरण के रूप में जो हमें जोखिम लेने में सक्षम बनाते हैं,साथ ही यह सुनिश्चित करते हैं कि हम अपनी रक्षा कर सकें..... 

                  क्योंकि कभी-कभी हमें रुकना पड़ता है। यहां तक कि एक कदम पीछे भी हटना पड़ता है ताकि हम एक लंबी छलांग लगा सकें.... 

          ऐसे सवालों और परिस्थितियों (समय-समय पर ब्रेक) के कारण ही हम आज जहॉं हैं, वहां पहुँचने में कामयाब रहे हैं.... 

       जीवन में इन "ब्रेक" के बिना हम फिसल सकते थे,दिशा खो सकते थे या एक दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना का शिकार हो सकते थे.... 


               *"ब्रेक"   हमें वापस पीछे धकेलने या हमें बांधने के लिए नहीं होते बल्कि वे हमें पहले की तुलना में तेजी से आगे बढ़ने में सहायक होते हैं ताकि हम अपने गंतव्य तक शीघ्र और सुरक्षित पहुंच सकें....*

         क्या हम अपने जीवन में 'ब्रेक' के लिए आभारी हैं । या हम उन्हें केवल अपने काम में बाधा के रूप में देखते हैं ?

                जब हम जीवन में कठिन परिस्थितियों से गुजरते हैं तो पहले से ज्यादा मजबूत होकर उभरते हैं... ?


।। मनेन्दु पहारिया।।

    18/12/2022

😊🙏🏻😊

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