एक युवा युगल के पड़ोस में एक वरिष्ठ नागरिक दंपत्ति रहते थे। पति की आयु लगभग 80 वर्ष और पत्नि, 5 वर्ष लगभग कम थी।
युवा युगल उन वरिष्ठ युगल से बहुत अधिक लगाव रखते थे और उन्हें दादा दादी की तरह सम्मान देते थे। इसलिए हर रविवार को वह उनके घर उनके स्वास्थ्य आदि की जानकारी लेने और काफी पीने जाते थे।
युवा युगल ने देखा कि हर बार दादीजी जब काफी बनाने रसोई घर में जाती थी, तो काफी की शीशी के ढक्कन को दादा जी से ही खुलवाती थीं।
इस बात का संज्ञान लेकर युवा पुरुष ने एक ढक्कन खोलने के यंत्र को लाकर दादी जी को उपहार स्वरूप दिया, ताकि उन्हें काफी की शीशी के ढक्कन को खोलने की सुविधा हो सके। उस युवा पुरुष ने ये उपहार देते वक्त इस बात की सावधानी बरती की दादा जी को इस उपहार का पता ना चले। उस यंत्र के प्रयोग की विधि भी दादी जी को अच्छी तरह समझा दी।
उसके अगले रविवार को जब वह युवा युगल, उन वरिष्ठ नागरिक के घर गया, तो वह यह देखकर आश्चर्य में रह गया कि, दादी जी उस दिन भी काफी की शीशी के ढक्कन को खुलवाने के लिए दादाजी के पास लाईं। युवा युगल यह सोचने लगे कि शायद दादी जी उस यंत्र का प्रयोग करना भूल गई, या वह यंत्र काम नहीं कर रहा।
जब उन्हें एकांत में अवसर मिला तो उन्होंने दादी जी से उस यंत्र के प्रयोग ना करने का कारण पूछा। दादी जी के उत्तर ने उन्हें निःशब्द कर दिया।
दादी जी ने कहा- बेटा! काफी की शीशी के ढक्कन को मैं स्वयं भी अपने हाथ से बिना उस यंत्र के प्रयोग के आसानी से खोल सकती हूं, पर मैं काफी की शीशी का ढक्कन उनसे इसीलिए खुलवाती हूँ कि, उन्हें यह एहसास रहे कि आज भी वह मुझसे ज्यादा मजबूत है और मैं उन्हीं पर आश्रित हूँ, इसलिए, वे हमारे घर के पुरुष हैं।
इस बात से मुझे भी यह लाभ मिलता है कि, मैं यह महसूस करती हूं कि मैं आज भी उन पर निर्भर हूं और वह मेरे लिए आज भी बहुत महत्वपूर्ण व्यक्ति हैं। यही बात हम दोनों के स्नेह के बंधन को शक्ति प्रदान करती है।
किसी भी युगल की एकजुटता ही उनके संबंध की बुनियाद होती है। अब हम दोनों के पास अधिक आयु नहीं बची है, इसीलिए हमारी एकजुटता हम दोनों के लिए सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है।
शिक्षा- उस युवा युगल को एक बहुत ही महत्वपूर्ण सीख मिली। वरिष्ठ नागरिक चाहे घर में किसी भी प्रकार की आमदनी का कोई सहयोग ना दे रहे हो, पर उनके अनुभव हमें पल पल महत्वपूर्ण सीख देते रहते हैं।
।। मनेन्दु पहारिया।।
23/09/2022
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